तुमसे इस तरह नफरत होने लगी
तुमसे इस तरह नफरत, होने लगी।
और मुलाकातें कम तुमसे, होने लगी।।
तुमसे इस तरह———————।।
यकीन जैसे तुमको, नहीं मेरे प्यार पर।
धूमिल तेरी छवि मालूम, होने लगी।।
तुमसे इस तरह———————।।
इज्जत बहुत दी तुमको, यकीन हो मुझपे।
नहीं मिली तुमसे खुशी, शर्म होने लगी।।
तुमसे इस तरह———————।।
नचाया बहुत मुझको , बनाकर खिलौना।
लेकिन तेरी बेदर्दी की, हद होने लगी।।
तुमसे इस तरह———————।।
बहुत इंतजार किया,तेरे मिलने आने का।
मगर बेवफा तू मुझसे, जब होने लगी ।।
तुमसे इस तरह———————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार –
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847