तुमने पढ़ना छोड़ दिया
नित नवीन क्यों कीर्तिमान अब तुमने गढ़ना छोड़ दिया
जड़वत् क्यों हो गए मित्र क्यों आगे बढ़ना छोड़ दिया
अहंकार से ग्रसित तुम्हारा जब देखा धन-वैभव तो
पीछे रहना और नजर के आगे पड़ना छोड़ दिया
विश्वासघात कर चले गए जब तुम भी मेरी कहानी से
तब से मैने भी औरों की आँख में गड़ना छोड़ दिया
छल करके अपनों ने ही जब तुमको नीचे गिरा दिया
तब औरों के भरोसे मैने ऊपर चढ़ना छोड़ दिया
कलम पकड़ना सीखा जब तुम सबसे बड़े प्रशंसक थे
किन्तु आज जब लिख लेता हूँ तुमने पढ़ना छोड़ दिया