तीर खुद चलने लगे
2122 + 212
आप से मिलने लगे
तीर खुद चलने लगे
संगदिल भी टूटकर
इश्क़ में ढलने लगे
चाँद को जाना तभी
ख़्वाब जब पलने लगे
दिल गया तो होश भी
नींद में चलने लगे
आप से नज़रें चुरा
खुदको ही छलने लगे
2122 + 212
आप से मिलने लगे
तीर खुद चलने लगे
संगदिल भी टूटकर
इश्क़ में ढलने लगे
चाँद को जाना तभी
ख़्वाब जब पलने लगे
दिल गया तो होश भी
नींद में चलने लगे
आप से नज़रें चुरा
खुदको ही छलने लगे