तितली-पुष्प प्रेम :
तितली-पुष्प प्रेम :
तितली पूछे फूल से ,बता मुझे यह बात।
………..कैसे तेरी गंध से, भर जाते आघात।
……………होली सी मुस्कान ले, यूँ बोला फिर पुष्प-
………………सच्चे हो दिल में अगर, प्रीत भरे जज्बात।
तितली से फिर फूल ने, पूछा एक सवाल।
…..मेरे मिटने पर बता, क्या होगा तुझे मलाल।
……………तितली बोली सत्य है, संशय तेरा पुष्प –
……………….निश्चित है सुन अंत जब, सूनी होगी डाल।
…..इक दूजे से प्रेम का, ये था सच्चा रंग।
……….सुर्ख़ पुष्प ने छू लिए, तितली के फिर अंग।।
सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित