तारे दिन में भी चमकते है ।
लोग कहते है तारे रात मे चमकते है ।
तो क्या दिन मे तारे आराम करते है ।
भूगोल के अध्यापक ने बताया कि ।
समुद्र मे मेढक नही रहते है ।
शेर कभी घास नही चरते है ।
कहा हमने उनसे आप ये क्या बकते है ।
गुरू ने कहा तारे दिन में भी चमकते है ।
मैने कहा फिर क्यूं नही दिखते है ।
गुरूवर ने प्रकाश झोंक दिया आंखो पर ।
पूछा अब क्या दिखते है ।
झटपट मै बोल पङा ।
अंधेरा सहमा है ।
तर्क समझ में आया तारे क्यो न दिखते है ।
हमने बोला वाह गुरू आपने तो दिन में तारे दिखा दिए ।
आंख बंद करके आपने ।
वैसे ही पथ दिखा दिए ।
फिर मैं जा पूछा लोगो से ।
क्या तारे दिन में दिखते है ।
लोगो ने कहा हमे अंधे ।
आप ये क्या कहते है ।
समझ गया मै झटपट ।
आंखे न खुली है उनकी ।
तारे दिन मे भी चमकते है ।
बिना कान हुए फिर दीवार कैसे सुनते है ।
लोगो की फिर आंखे खुली ।
बोले भाई तुम सही कहते हो ।
तारे दिन मे भी चमकते है ।
वो सबको नही दिखते है ।
लग
लताएं (अमरबेल ) बिना सीढी के चढते है ।
प्रकाश जुगनू से भी निकलते है ।
हवा तृणो से भी बहते है।
गूंगे भी कुछ कहते है ।
हीरा कोयले से भी बनते है ।
हां सही कहा गुरूवर आपने ।
तारे दिन मे भी चमकते है ।
??Rj Anand Prajapati ??