Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2023 · 2 min read

#ताम्रपत्र

🙏संस्मरण

★ #ताम्रपत्र ★

हमने नहीं मांगा था पाकिस्तान। जिन्होंने मांगा था वे प्रसन्न थे कि उन्हें उनके धर्म का देश मिल गया था। देश को टुकड़ों में बांटकर, रक्तरंजित करके प्रसन्न होनेवाले कौन थे वे लोग?

वे सब इस धरती के बेटों की ही संतान थे। कोई दो पीढ़ी पूर्व तो कोई चार पीढ़ी पूर्व मुसलमान हुए थे। केवल पूजापद्धति को बदल देने से ही क्या सभी नाते समाप्त हो जाते हैं? मनुष्य मनुष्य नहीं रहता?

माछीवाड़ा, लुधियाना का मंटो, जिसके जैसा दूजा कोई हुआ ही न, वो भी मुसलमान निकला। स्वरसाम्राज्ञी नूरजहाँ शासकों के बिस्तर ही गर्म करती रही वहाँ। लेकिन, उसे मुसलमान होना नहीं भूला? बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे गाने वाला भी तो बिचारा मुसलमान ही था। सरकार में मंत्री भी हुआ। मंत्री न रहा तो फिर गाने लगा। जब जान पर आन पड़ी तो भागा वहाँ से। लेकिन, पक्का मुसलमान था? गामा पहलवान भूख के मारे मर गया लेकिन रहा मुसलमान?

वे सब अपनों के रक्त की नदी में नहाकर अपनी विजय के मद में चूर उस ओर जा रहे थे। और वे गए भी तो कहाँ गए? उन सबकी पूँछ तो यहीं पर थी। आते रहे, जाते रहे और फिर आते रहे?

लेकिन, जिन्होंने अपनी आस्था नहीं बदली थी। जो यहीं जन्मे थे। जिनके पूर्वपितर भी यहीं के थे और जिन्होंने कोई नया देश नहीं मांगा था वे कहाँ जाते?

जो लोग इस्लाम को जान चुके थे वे बहुत पहले वहाँ से निकल चुके थे। जो बंगाल के ‘डायरेक्ट ऐक्शन’ के बाद निकले वे सोना गहना धन और अपनी अचल संपत्ति के कागज-पत्तर साथ लेकर निकल गए।

जिन्हें अपने पड़ोसियों पर बहुत विश्वास था उनमें से बहुतेरे धन-संपत्ति ही नहीं मान-सम्मान भी गंवा बैठे। उनमें भी जो कुछ अधिक ही सर्वधर्मसमभाव मानते थे अपनी अथवा अपनों की जान भी गंवा बैठे।

मेरे नाना जी प्रात:स्मरणीय श्री दीवानचन्द मैणी ‘आर्य’ आर्यसमाजी थे। वे मुंशी भी थे और वैद्य भी। और, वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कर्मठ कार्यकर्ता भी थे। स्वतंत्रता संग्राम में अनेक बार उन्होंने जेलयात्रा की। और फिर स्वतंत्रता के पश्चात हैदराबाद मुक्ति संग्राम, गौ हत्या आंदोलन और हिन्दी आंदोलन में भी अनेकों बार वे जेल गए।

जब इंदिरा गांधी ने स्वतंत्रता सेनानियों को ‘ताम्रपत्र’ देने की घोषणा की तो उनका कहना था कि यह जवाहरलाल की बेटी हमें सम्मानित करना नहीं, खरीदना चाहती है। पालतू बनाना चाहती है। जब इसका बाप हमें न खरीद सका तो इसकी क्या बिसात है?

वे नहीं गए ताम्रपत्र लेने। जाते भी कैसे? कभी देखा है शुद्ध स्वर्णाभूषणों पर तांबे का पानी चढ़ा हुआ?

मेरे अनेक पूर्वजन्मों के कर्मों का सुफल है कि मुझमें उन महापुरुष का भी अंश है।

#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२

Language: Hindi
71 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
Ajad Mandori
यूं ही कोई शायरी में
यूं ही कोई शायरी में
शिव प्रताप लोधी
धुन
धुन
Sangeeta Beniwal
होली
होली
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
परोपकार
परोपकार
ओंकार मिश्र
कैद है तिरी सूरत आँखों की सियाह-पुतली में,
कैद है तिरी सूरत आँखों की सियाह-पुतली में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मन के वेग को यहां कोई बांध सका है, क्या समय से।
मन के वेग को यहां कोई बांध सका है, क्या समय से।
Annu Gurjar
पितरों का लें आशीष...!
पितरों का लें आशीष...!
मनोज कर्ण
सितमज़रीफ़ी
सितमज़रीफ़ी
Atul "Krishn"
जीवन में संघर्ष सक्त है।
जीवन में संघर्ष सक्त है।
Omee Bhargava
ज़िंदगानी
ज़िंदगानी
Shyam Sundar Subramanian
दोहा बिषय- दिशा
दोहा बिषय- दिशा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
सत्य कुमार प्रेमी
पोषित करते अर्थ से,
पोषित करते अर्थ से,
sushil sarna
3747.💐 *पूर्णिका* 💐
3747.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जब भी सोचता हूं, कि मै ने‌ उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
जब भी सोचता हूं, कि मै ने‌ उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
पूर्वार्थ
"नजर से नजर और मेरे हाथ में तेरा हाथ हो ,
Neeraj kumar Soni
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
बच्चे
बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
राष्ट्र हित में मतदान
राष्ट्र हित में मतदान
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
Dr. Man Mohan Krishna
अगर प्रेम है
अगर प्रेम है
हिमांशु Kulshrestha
अनुभव 💐🙏🙏
अनुभव 💐🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
शेखर सिंह
*किसकी है यह भूमि सब ,किसकी कोठी कार (कुंडलिया)*
*किसकी है यह भूमि सब ,किसकी कोठी कार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
#चिंतनीय
#चिंतनीय
*प्रणय*
"समरसता"
Dr. Kishan tandon kranti
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
Loading...