Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Apr 2022 · 2 min read

तात्या टोपे बलिदान दिवस १८ अप्रैल १८५९

स्वतंत्रता के अग्रणी वीरों में, तात्या टोपे १८५७ महा नायक थे
भारतीयों के साथ साथ ही, अंग्रेजों को अविस्मरणीय योद्धा थे
सन १८५७ रानी लक्ष्मीबाई, कुंअर सिंह,माधौसिंह, नवाब खान, बहादुर खान ने प्राणों का बलिदान दिया
भूमिगत हो गए तात्या टोपे, सेनानियों को संगठित किया
गुरिल्लायुद्ध में माहिर तात्या ने, गोरों को मुंह तोड़ जवाब दिया
कानपुर झांसी और ग्वालियर, जयपुर जोधपुर में संघर्ष किया
वेतवा चंबल और नर्मदा पार कर, दक्षिण में भी वीर गया
उस महावीर के हमलों से, अंग्रेज बहुत घबराते थे
तात्या के तीखे हमले में,अकसर जानमाल गंवाते थे
जब तात्या को अंग्रेजी सेना, जिंदा या मुर्दा न पकड़ सकी
छल कपट किया अंग्रेजों ने,नरवर राजा से राज्य लौटने की बात कही
प्रलोभन में राजा नरवर मानसिंह ने, तात्या टोपे से विश्वास घात किया
७अप़ैल १८५९ को धोखा देकर, तात्या टोपे को गिरफ्तार किया
१० अप्रैल १९५९ को कोर्ट मार्शल हुआ, राजद्रोह का चला मुकदमा और फांसी का हुक्म दिया
वयान दिया शेर ने, मैं रहा नहीं राज्य में तुम्हारे?
नहीं तुम्हारी प़जा?
फिर कैंसा राजद्रोह?
पेशवा थे राजा यहां के, मैं उनके यहां मुलाजिम
मैं राजद्रोही नहीं राजभक्त हूं,अब भी हूं कायम
व्यक्तिगत तौर पर मैंने, नहीं अंग्रेजों को मारा
झूंठे हैं आरोप तुम्हारे, और मुकदमा सारा
नहीं कोई दुश्मन था मेरा,जिसको फांसी पर लटकाया
अपने देश की रक्षा करने, मैंने तलबार चलाई
जो भी आया सामने मेरे, गर्दन मैंने उड़ाई
नहीं था मैं प़जा तुम्हारी, फिर ये कैसी कार्यवाही?
१८ अप्रैल १८५९ शिवपुरी में, महा नायक तात्या टोपे जी को नीम के पेड़ पर लटकाया
अपनी माटी को शिर से लगा, फंदा हंसते हुए गले लगाया
रखी है पोशाक शेर की,आज भी लंदन म्युजिअम में
अविस्मरणीय योद्धा के, अविस्मरणीय स्मरण में
तात्या टोपे जिंदा है, भारत माता के जन जन में
जय हिन्द 🙏 सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
3 Likes · 1006 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
अति वृष्टि
अति वृष्टि
लक्ष्मी सिंह
■ क़तआ (मुक्तक)
■ क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
"अखाड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
मन की चंचलता बहुत बड़ी है
मन की चंचलता बहुत बड़ी है
पूर्वार्थ
🌲दिखाता हूँ मैं🌲
🌲दिखाता हूँ मैं🌲
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
मेरुदंड
मेरुदंड
Suryakant Dwivedi
बचपन और पचपन
बचपन और पचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
कोई पत्ता कब खुशी से अपनी पेड़ से अलग हुआ है
कोई पत्ता कब खुशी से अपनी पेड़ से अलग हुआ है
कवि दीपक बवेजा
* किधर वो गया है *
* किधर वो गया है *
surenderpal vaidya
चेतावनी
चेतावनी
Shekhar Chandra Mitra
*पत्रिका का नाम : इंडियन थियोसॉफिस्ट*
*पत्रिका का नाम : इंडियन थियोसॉफिस्ट*
Ravi Prakash
उसकी बेहिसाब नेमतों का कोई हिसाब नहीं
उसकी बेहिसाब नेमतों का कोई हिसाब नहीं
shabina. Naaz
धार में सम्माहित हूं
धार में सम्माहित हूं
AMRESH KUMAR VERMA
भीख
भीख
Mukesh Kumar Sonkar
The OCD Psychologist
The OCD Psychologist
मोहित शर्मा ज़हन
हिन्दी दोहा बिषय- कलश
हिन्दी दोहा बिषय- कलश
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
काश ये मदर्स डे रोज आए ..
काश ये मदर्स डे रोज आए ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
अधमरा जीने से
अधमरा जीने से
Dr fauzia Naseem shad
तेरा पापा मेरा बाप
तेरा पापा मेरा बाप
Satish Srijan
मेरा लड्डू गोपाल
मेरा लड्डू गोपाल
MEENU
🕊️एक परिंदा उड़ चला....!
🕊️एक परिंदा उड़ चला....!
Srishty Bansal
हिज़्र
हिज़्र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
चंद एहसासात
चंद एहसासात
Shyam Sundar Subramanian
*गोल- गोल*
*गोल- गोल*
Dushyant Kumar
*ऋषि नहीं वैज्ञानिक*
*ऋषि नहीं वैज्ञानिक*
Poonam Matia
नर नारी
नर नारी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
"मेरी नयी स्कूटी"
Dr Meenu Poonia
प्यार ना सही पर कुछ तो था तेरे मेरे दरमियान,
प्यार ना सही पर कुछ तो था तेरे मेरे दरमियान,
Vishal babu (vishu)
बैठ अटारी ताकता, दूरी नभ की फाँद।
बैठ अटारी ताकता, दूरी नभ की फाँद।
डॉ.सीमा अग्रवाल
जागो रे बीएलओ
जागो रे बीएलओ
gurudeenverma198
Loading...