तहरे प सब कुरबान करऽतानी
तहरे प सब कुरबान करऽतानी
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तहरे प सब कुरबान करऽतानी
येहितरे जिनिगी जियान करऽतानी
काटि काटि लिखनी तऽ घाव गहरे बा
येह रे करेजवा पर नाव तहरे बा
रोजे रोज केतना निशान करऽतानी-
येहितरे जीनिगी जियान करऽतानी
कबो कबो खाईं कबो कटि जा उपासे
रात भर रोईं दिन कटि जा उदासे
पार रोजे गाँव के सिवान करऽतानी-
येहितरे जिनिगी जियान करऽतानी
नीक नाहीं हवे प्यार तबो नीक लागे
खुद के बिसारि दीहनी हम तहरे आगे
जागि जागि जागि के बिहान करऽतानी-
येहितरे जिनिगी जियान करऽतानी
– आकाश महेशपुरी