” तस्वीर “
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
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मैं कभी मुंह को
बनाकर
चिढ़ाकर
चित्र से ही कुछ
कहा करता हूँ मैं आपको !
पर भला हैं
आप सहमे
चुप हुए
देखता हूँ मैं आपको !!
आप कितने शांत
अविचल
आप अपने आप हैं !
दूर भले …
आप दूर हैं
आपकी ‘ तस्वीर ‘
मेरे साथ है !!
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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
सेप्पेर
वेस्ट खेमांग
अरुणाचल प्रदेश
भारत
३.५.१९८७.