तस्वीर बदली तो जा सकती है
इस जहां की तस्वीर को बदली तो जा सकती है
एक कोशिश तेरी
एक कोशिश मेरी तरफ से की तो जा सकती है
और कुछ नहीं तो घरों को जलाने वाली आग को,
चूल्हे के पेट सुलगाने में तो लाई तो जा सकती है
भूख की आग को आग से बुझाई तो जा सकती है
इन्सा चाह तो ले…
बदसूरत और बेकार नफरतों में घिरे दिलों को
प्रेम रंग में रंगी तो जा सकती है…?
~ सिद्धार्थ