तलाशती रहती हैं
तलाशती रहती हैं
मेरी नज़रें तुझे हर लम्हा
लौट आते हैं मेरी यादों के ख़त
तेरी चौखट से टकरा कर
एक तू है,
जिसका पता भी नहीं मिलता
हिमांशु Kulshreshtha
तलाशती रहती हैं
मेरी नज़रें तुझे हर लम्हा
लौट आते हैं मेरी यादों के ख़त
तेरी चौखट से टकरा कर
एक तू है,
जिसका पता भी नहीं मिलता
हिमांशु Kulshreshtha