तमाशा है
दिल ये कहता है सब तमाशा है ।
जिंदगी क्या है बस तमाशा है ।
आदमी है ख़ुदा की कठपुतली
देख दुनिया ग़ज़ब तमाशा है ।
जा उठा करके देख तू पर्दा
हर जगह बे-सबब तमाशा है ।
वक्त के खाली खाली पन्नों पर
रिश्ते – नाते सभी तमाशा हैं।
रुख़ ज़माने की हवा का नीलम
कल तमाशा था अब तमाशा है ।
नीलम शर्मा ✍️