#तमन्ना का इक घर
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★ #तमन्ना का इक घर ★
बहारें जवाँ हैं
सितारे चमकते
रौशन हैं राहें
फूल महकते
ख़्वाबों की दुनिया
अरमान बहकते
मेरा दिल पुकारे
यह सब नज़ारे
तेरे लिए हैं
तेरे लिए
तेरे लिए हैं . . . . .
गीत प्रेम के
मिलन के तराने
पिछले जनम के
जाने पहचाने
आ जा तू आ जा
किसी भी बहाने
सेज सजी है रुत मस्तानी
अनछुई छुई मुई एक कहानी
तेरे लिए हैं
तेरे लिए
तेरे लिए हैं . . . . .
रिवाज़ों के बंधन
तोड़ के आ जा
रिश्ते जो चुभते
छोड़ के आ जा
दर्द पुराने वो अफसाने
मुँह मोड़ के आ जा
अधखिली कलियाँ
नई-नई गलियाँ
तेरे लिए हैं
तेरे लिए
तेरे लिए हैं . . . . .
चाँद का टुकड़ा
आवारा बादल
सूरज सिर पे
रस्ते घायल
रात परी की
टूटी पायल
तूफाँ के इशारे
समंदर किनारे
मेरे लिए हैं
मेरे लिए
मेरे लिए हैं . . . . .
जीवन के अँगना
जवानी का बूटा
तमन्ना का इक घर
मगर टूटा-फूटा
राहों का साथी
बातों का झूठा
दिन-रात के फेरे
सवालों के घेरे
यह किस लिए हैं
यह किस लिए
यह किस लिए हैं . . . . . !
#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२