Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2023 · 1 min read

तन्हाई के पर्दे पर

तन्हाई के पर्दे पर ,कुछ रंगीन तस्वीरें हैं।
कुछ टूटे सपने और धुंधली तहरीरें ‌है।

कोशिशें बहुत की ,इनको समझने की
इतनी उलझी क्यों, हाथों की लकीरें है।

देखूं जो आईना तो, है ताज सर पर मेरे
कौन देखें पांव में मेरे कितनी जंजीरें हैं।

आजमाया हर खुदा,सजदे में सर रहा
कैसे कहें फिर भी, नाखुश तकदीरें हैं।
Surinder Kaur

Language: Hindi
1 Like · 291 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Surinder blackpen
View all
You may also like:
कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
Mahendra Narayan
"स्वप्न".........
Kailash singh
छवि अति सुंदर
छवि अति सुंदर
Buddha Prakash
World Dance Day
World Dance Day
Tushar Jagawat
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Fuzail Sardhanvi
फर्स्ट अप्रैल फूल पर एक कुंडली
फर्स्ट अप्रैल फूल पर एक कुंडली
Ram Krishan Rastogi
किस्मत का लिखा होता है किसी से इत्तेफाकन मिलना या किसी से अच
किस्मत का लिखा होता है किसी से इत्तेफाकन मिलना या किसी से अच
पूर्वार्थ
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कवि दीपक बवेजा
खुद के होते हुए भी
खुद के होते हुए भी
Dr fauzia Naseem shad
गीत गा रहा फागुन
गीत गा रहा फागुन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
क्या कर लेगा कोई तुम्हारा....
क्या कर लेगा कोई तुम्हारा....
Suryakant Dwivedi
सुना है सपने सच होते हैं।
सुना है सपने सच होते हैं।
Shyam Pandey
"बेहतर यही"
Dr. Kishan tandon kranti
🧑‍🎓My life simple life🧑‍⚖️
🧑‍🎓My life simple life🧑‍⚖️
Ms.Ankit Halke jha
तानाशाहों का हश्र
तानाशाहों का हश्र
Shekhar Chandra Mitra
कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।
कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।
Rajesh Kumar Arjun
दुनिया जमाने में
दुनिया जमाने में
manjula chauhan
इंसान भीतर से यदि रिक्त हो
इंसान भीतर से यदि रिक्त हो
ruby kumari
फूल मोंगरा
फूल मोंगरा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
*गाई गाथा राम की, तुलसी कविकुल-भूप (कुंडलिया)*
*गाई गाथा राम की, तुलसी कविकुल-भूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जज़्बा है, रौशनी है
जज़्बा है, रौशनी है
Dhriti Mishra
" हैं अगर इंसान तो
*Author प्रणय प्रभात*
अपनी घड़ी उतार कर किसी को तोहफे ना देना...
अपनी घड़ी उतार कर किसी को तोहफे ना देना...
shabina. Naaz
नारी शक्ति.....एक सच
नारी शक्ति.....एक सच
Neeraj Agarwal
चश्मा,,,❤️❤️
चश्मा,,,❤️❤️
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दोहा-
दोहा-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
टफी कुतिया पे मन आया
टफी कुतिया पे मन आया
Surinder blackpen
आज का दौर
आज का दौर
Shyam Sundar Subramanian
कमबख्त ये दिल जिसे अपना समझा,वो बेवफा निकला।
कमबख्त ये दिल जिसे अपना समझा,वो बेवफा निकला।
Sandeep Mishra
कई आबादियों में से कोई आबाद होता है।
कई आबादियों में से कोई आबाद होता है।
Sanjay ' शून्य'
Loading...