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30 Aug 2023 · 1 min read

…… तड़प उसकी…….

…… तड़प उसकी…….

तड़प उसकी कोई क्या जाने
जिसके नही कोई बहन या भाई
बांध ले या बंधवा ले भले राखी कई
फिर भी सूनी निजता की कलाई

फूल कागज के कुछ टिकते हों भले
महक उसमे मगर कुछ होती नही
चंचलता जो होती है स्व निजता मे
वो माने हुओं मे कभी होती नहीं

दिखावे मे यह,भ्रमित ही तो होना है
सोना मानकर बस, पित्तल मे खोना है
आजमाए हैं बहुतों को हम जमाने मे
मिला न अपना कोई,बस यही रोना है

एक दिन की चांदनी फिर रात काली
सजावट की हो दिख रही हरियाली
बेहतर है ,बिन हक के न हकदार बनें
जब अपना ही हांथ, अपनी ही ताली

खुश रह ले तू दिल ,भीतर ही अपने
मिलेगी न कोई ,बहन सी बहन पहले
कहेगा कौन भैया , सूख जाएंगे आंसू
उन्ही को दे देना बंधाई ,जो हैं विश्वासू
………………….
मोहन तिवारी,मुंबई

1 Like · 145 Views
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