Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Sep 2021 · 1 min read

डोली

सीने में
कुछ टूट रहा!
जिससे मेरा
दम घुट रहा!!
गूंज रही
कहीं शहनाई!
शायद कोई
डोला उठ रहा!!
Shekhar Chandra Mitra

Language: Hindi
248 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

नज़र नहीं नज़रिया बदलो
नज़र नहीं नज़रिया बदलो
Sonam Puneet Dubey
मेरे जाने की फ़िक्र
मेरे जाने की फ़िक्र
Sudhir srivastava
इम्तिहान
इम्तिहान
Saraswati Bajpai
आत्मा की गूंज
आत्मा की गूंज
Rambali Mishra
अब क्या करोगे मेरा चेहरा पढ़कर,
अब क्या करोगे मेरा चेहरा पढ़कर,
Jyoti Roshni
वक्त
वक्त
Dinesh Kumar Gangwar
*रामपुर में जैन-इतिहास के शोधकर्ता श्री भारत भूषण जैन*
*रामपुर में जैन-इतिहास के शोधकर्ता श्री भारत भूषण जैन*
Ravi Prakash
"कब होगा मां सबेरा"
राकेश चौरसिया
अच्छे दिनों की आस में,
अच्छे दिनों की आस में,
Befikr Lafz
माँ
माँ
Harminder Kaur
2781. *पूर्णिका*
2781. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हर इश्क में रूह रोता है
हर इश्क में रूह रोता है
Pratibha Pandey
"अनन्त "
Dr. Kishan tandon kranti
मिथिलाक सांस्कृतिक परम्परा
मिथिलाक सांस्कृतिक परम्परा
श्रीहर्ष आचार्य
महान लोग साधारण लोग होते हैं ।
महान लोग साधारण लोग होते हैं ।
P S Dhami
*अज्ञानी की कलम से हमारे बड़े भाई जी प्रश्नोत्तर शायद पसंद आ
*अज्ञानी की कलम से हमारे बड़े भाई जी प्रश्नोत्तर शायद पसंद आ
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
व्यस्त रहते हो
व्यस्त रहते हो
पूर्वार्थ
संविधान दिवस
संविधान दिवस
Dr Archana Gupta
इस तरह छोड़कर भला कैसे जाओगे।
इस तरह छोड़कर भला कैसे जाओगे।
Surinder blackpen
जय हिन्दू जय हिंदुस्तान,
जय हिन्दू जय हिंदुस्तान,
कृष्णकांत गुर्जर
महसूस करो दिल से
महसूस करो दिल से
Dr fauzia Naseem shad
गुरु...! गूगल दोनों खड़े, काके लागूं पाय....!
गुरु...! गूगल दोनों खड़े, काके लागूं पाय....!
VEDANTA PATEL
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Godambari Negi
नर नारी
नर नारी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
भाई दोज
भाई दोज
Ram Krishan Rastogi
एक उम्र तक तो हो जानी चाहिए थी नौकरी,
एक उम्र तक तो हो जानी चाहिए थी नौकरी,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
एक बावला सा लड़का
एक बावला सा लड़का
Akash RC Sharma
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कहांँ गए वो भाव अमर उद्घोषों की?
कहांँ गए वो भाव अमर उद्घोषों की?
दीपक झा रुद्रा
क़िस्मत
क़िस्मत
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...