डॉ अरुण कुमार शास्त्री – पूर्व आयुष निदेशक – दिल्ली
डॉ अरुण कुमार शास्त्री – पूर्व आयुष निदेशक – दिल्ली
मेरे शंकर मेरे शंभू
महिमा भोले नाथ की देख देख अघूराई ।
नयन हो गए गीले मन को धीर बंधाई ।
सावन के मौसम में भोले का वरदान ।
भक्त चले लेकर के कांवाड़ करते कृत्य महान ।
ईश्वर सबके हित को देते दिल में स्थान ।
देख पराई चूपड़ी फिर हिय क्यू हो चंचलायमान ।
तेरा मेरा जो करे सो पाए दुख लो जान ।
अपनी – अपनी करनी अपना – अपना ज्ञान ।
शंकर भगवन पूजिए जो देवें वरद महान ।
औरन से मत मांगिए जो करदेते अपमान ।
शिव शंभू जी करते कृपा सबके के हित को साध ।
जो मांगे अपने लिए न देते उसपर ध्यान ।
भोले चरणन रज लीजिए मस्तक लेय लगाए ।
भगवन कृपा के आप भी संस्थापक बन जाएँ ।
आओ सब मिल साथ में हम काँवण ले जाएँ ।
शिव – शिव शंभू हर हर शम्भो रटते दिल से जाएँ ।
भारत देश महान है जो करता मानव सम्मान है ।
करे मित्रता जो दिल से आत्मा से ये उसके लिए वरदान है ।
धर्म अर्थ अरु काम के नियम सदा से एक ।
जो नर इनको साध ले सो पाता मोक्ष संदेश ।