डिग्री कॉलेज का वह दौर (गीतिका)
डिग्री कॉलेज का वह दौर (गीतिका)
********************************
1
डिग्री कॉलेज में पढ़ने,साइकिल से हम जाते थे
सीधे घर से कालेज, सीधे घर वापस आते थे
2
अब स्कूटर और बाइकें सब पर पाई जातीं
याद करूॅं अपनी तो साइकिल ही सब पर पाते थे
3
जैसे कक्षा पॉंच पास की, इंटर में फिर आए
रोज नियम से वैसे डिग्री कॉलेज निबटाते थे
4
कॉलेज की कैंटीन, समोसा,चाय न हमने देखी
मठरी घर की वापस घर पर आकर हम खाते थे
5
मिर्च मसालेदार हमारी कोई नहीं कहानी
यही सादगी थी बस अपनी जिस पर इतराते थे
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””‘”””
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 7615451