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17 Nov 2024 · 1 min read

डमरू घनाक्षरी

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डमरू घनाक्षरी

नद बह कल- कल,
धवल- धवल जल,
बढ़ चल पथ पर,
थम मत बस चल।

असफल कब तक,
कर करम अथक,
थक कर मत रह,
मर मत पल-पल।

चमक कनक सम,
रख मन दम-खम,
गढ़ अब नव पथ,
तम सब कर हल।

हृदय मनन कर,
छल सब तज कर,
गद-गद रह कर,
कर वचन अमल।

सीमा शर्मा ‘अंशु’

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