Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jul 2024 · 1 min read

डमरू घनाक्षरी

डमरू घनाक्षरी

पनघट पर घट भर भर कर सब
धर कर सर पर चलत डगर पर
इधर उधर तक जतन करत सब
पर असफल जब धमकत नटखट

मदन मगन वह मनहर दरसन
नजर भरत सब तक टक टक टक
पल भर जब तक सभलत तब तक
खट खट कर घट सब जल छलकत

अन्नपूर्णा गुप्ता ‘ सरगम ‘
🖋️©️®️ 16/07/2024

43 Views

You may also like these posts

उस्ताद जाकिर हुसैन
उस्ताद जाकिर हुसैन
Satish Srijan
//जीवन आपका और मुकर्रर भी //
//जीवन आपका और मुकर्रर भी //
Koमल कुmari
" वार "
Dr. Kishan tandon kranti
हार फिर होती नहीं…
हार फिर होती नहीं…
मनोज कर्ण
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
यह दुनिया है जनाब
यह दुनिया है जनाब
Naushaba Suriya
मन के हारे हार है
मन के हारे हार है
Vivek Yadav
हिंदी भाषा
हिंदी भाषा
Uttirna Dhar
खरीद लो दुनिया के सारे ऐशो आराम
खरीद लो दुनिया के सारे ऐशो आराम
Ranjeet kumar patre
दुआएं
दुआएं
Santosh Shrivastava
ज़िंदगी पर तो
ज़िंदगी पर तो
Dr fauzia Naseem shad
तारीफ किसकी करूं
तारीफ किसकी करूं
डॉ. दीपक बवेजा
10) “वसीयत”
10) “वसीयत”
Sapna Arora
ठाट-बाट
ठाट-बाट
surenderpal vaidya
🚩साल नूतन तुम्हें प्रेम-यश-मान दे।
🚩साल नूतन तुम्हें प्रेम-यश-मान दे।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
छोटी - छोटी खुशियों को हम
छोटी - छोटी खुशियों को हम
Meera Thakur
दूहौ
दूहौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
दायित्व
दायित्व
TAMANNA BILASPURI
किसी भी देश या राज्य के मुख्या को सदैव जनहितकारी और जनकल्याण
किसी भी देश या राज्य के मुख्या को सदैव जनहितकारी और जनकल्याण
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
जल का महत्व
जल का महत्व
कार्तिक नितिन शर्मा
आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं
आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं
अंसार एटवी
'प्रहरी' बढ़ता  दंभ  है, जितना  बढ़ता  नोट
'प्रहरी' बढ़ता दंभ है, जितना बढ़ता नोट
Anil Mishra Prahari
4473.*पूर्णिका*
4473.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दुनिया रंग दिखाती है
दुनिया रंग दिखाती है
Surinder blackpen
मेरी कलम कविता
मेरी कलम कविता
OM PRAKASH MEENA
चौपाई छंद गीत
चौपाई छंद गीत
seema sharma
आलस का आकार
आलस का आकार
पूर्वार्थ
मन सोचता है...
मन सोचता है...
Harminder Kaur
रात घिराकर तम घना, देती है आराम
रात घिराकर तम घना, देती है आराम
Dr Archana Gupta
श्री नानाजी देशमुख को श्रद्धांजलि स्वरूप एक गीत
श्री नानाजी देशमुख को श्रद्धांजलि स्वरूप एक गीत
Ravi Prakash
Loading...