Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Dec 2024 · 1 min read

ठुमके

डॉ अरूण कुमार शास्त्री
ठुमके
बहुत झूमे हैं और लगाए ठुमके भी अनगिनत सभी लोगों ने इसमें अब कोई अति विस्मय कारी झमेले कहां ।
असल बात तो ये है आधा सत्य जो दिखता है उसकी भी पूरी जानकारी अब कहां।
मैं आपके निर्देश पर आधारित कोई संशय नहीं रखता।
कोई तो होगा प्रमाण लेकिन मैं उस प्रमाण पर कोई झूठा पत्थर भी तो नहीं रखता ।
ये दिल तो महज़ दिल है धड़कना जिसका काम है।
अब इसी कारण कोई किसी से गुज़ारिश नहीं करता ।
बरसने दो कृपा स्वयं से वही सात्विक कहलाती ।
माँग कर यदि पाई वो मात्र दया तो गीत कहलाती ।
ठुमक ठुमक जब नन्द के ग्राम में चले थे कन्हैया शैशव में ।
सकल संसार था डोला साथ और संग में उनके ।
करधनी सरकी थी कमर पर से बीसियों बार लेकिन ।
उतर जाती कमर से वो न हिम्मत हो सकी उसकी इक बार देखो तो।
बहुत झूमे हैं और लगाए ठुमके भी अनगिनत सभी लोगों ने इसमें अब कोई अति विस्मय कारी झमेले कहां ।

17 Views

You may also like these posts

- बस एक बार मुस्कुरा दो -
- बस एक बार मुस्कुरा दो -
bharat gehlot
जीवन
जीवन
पंकज परिंदा
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मैं कौन हूँ
मैं कौन हूँ
Chaahat
मां
मां
Phool gufran
हमें पकड़ते नहीं
हमें पकड़ते नहीं
महेश चन्द्र त्रिपाठी
पिता
पिता
GOVIND UIKEY
तुमको अहसास
तुमको अहसास
Dr fauzia Naseem shad
बात मेरे मन की
बात मेरे मन की
Sûrëkhâ
2717.*पूर्णिका*
2717.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"तृष्णाओं का घर"
Dr. Kishan tandon kranti
*दिल के दीये जलते रहें*
*दिल के दीये जलते रहें*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
परीक्षा काल
परीक्षा काल
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
शहर की बस्तियों में घोर सन्नाटा होता है,
शहर की बस्तियों में घोर सन्नाटा होता है,
Abhishek Soni
जब मैं लिखता हूँ
जब मैं लिखता हूँ
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
..
..
*प्रणय*
नज़ाकत को शराफ़त से हरा दो तो तुम्हें जानें
नज़ाकत को शराफ़त से हरा दो तो तुम्हें जानें
आर.एस. 'प्रीतम'
उड़ रहा खग पंख फैलाए गगन में।
उड़ रहा खग पंख फैलाए गगन में।
surenderpal vaidya
तुम मुझे सुनाओ अपनी कहानी
तुम मुझे सुनाओ अपनी कहानी
Sonam Puneet Dubey
अंधभक्ति
अंधभक्ति
मनोज कर्ण
तेरा वादा.
तेरा वादा.
Heera S
याद करत तुम्हे दोइ बिरियां,
याद करत तुम्हे दोइ बिरियां,
कृष्णकांत गुर्जर
***
*** " बरसात के मौसम में........!!! " ***
VEDANTA PATEL
जीवन में कला , संवेदनाओं की वाहक है
जीवन में कला , संवेदनाओं की वाहक है
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों
पूर्वार्थ
Forever
Forever
Vedha Singh
वीर शिवा की धरती है ये, इसको नमन करे संसार।
वीर शिवा की धरती है ये, इसको नमन करे संसार।
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
जिंदा हूँ अभी मैं और याद है सब कुछ मुझको
जिंदा हूँ अभी मैं और याद है सब कुछ मुझको
gurudeenverma198
शबे दर्द जाती नही।
शबे दर्द जाती नही।
Taj Mohammad
रहो तुम स्वस्थ्य जीवन भर, सफलता चूमले तुझको,
रहो तुम स्वस्थ्य जीवन भर, सफलता चूमले तुझको,
DrLakshman Jha Parimal
Loading...