झूठ का यह एक विशालकाय किला है
झूठ का तो
कभी न ढहने वाला
यह एक विशालकाय किला है
हरम में अपनी औरत के साथ
दिन रात उसका चाहने वाला
पड़ा है तो
इसे भेदना तो
असम्भव है
एक नामुमकिन काम है
इस आदमी की
आंख पर पड़ा पर्दा तो खैर
कभी हट नहीं पायेगा पर
दुख इस बात का है कि
बहुत सारे मासूमों की जो
निकले हैं
सत्य की खोज में
उनकी आहुति से
उनकी चीखों से
उनकी चीत्कारों से
उनके आंसुओं से
उनके लहू से
आबाद होता जायेगा।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001