” झूठ का झटका “
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
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झूठ के
साये में रहकर
चेहरे की
चमक
जाने लगती है ,
भोहें सिकुड़
जाती हैं !
किसी से सामना
करने में कतराता है
डर लगा
रहता है !
कहीं किसी का
प्रहार न
सहना
पड़े,
हम डरने
लगते हैं
कहीं पोल न खुल जायं ,
पर यह नहीं
भूलना चाहिए
झूठ तो झूठ है
कब तक
छुपाये रखेंगे ?
लोगों का
स्नेह लुप्त
हो जाता है
सच को भी
झूठ समझ आता है !
व्यक्तित्व का
विकास
आप
कर सकते है
पारदर्शिता
के आईना
में उतर सकते हैं !
गर्व से सीना
फूला
सकते हैं !
यदि आप
सत्य को अपनायें
डर कैसा
किसीसे
यदि
इस मंत्र को दुहराएं !
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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखण्ड