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12 Apr 2023 · 1 min read

*झील-झरने सब पर्वत 【कुंडलिया】*

झील-झरने सब पर्वत 【कुंडलिया】
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
पर्वत नदियाँ पेड़ हैं , ईश्वर का शुभ रूप
चंदा – सूरज देख लो , देखो बादल – धूप
देखो बादल – धूप , उड़ रहे पक्षी गाते
दिखतीं सुंदर मत्स्य , कुलाँचे हिरन लगाते
कहते रवि कविराय ,प्रकृति के सम्मुख हो नत
जगह ध्यान-अनुकूल , झील-झरने सब पर्वत
—————————————————
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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