Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2024 · 1 min read

झाड़ू अउरी बेलन

ई दर्द करेला केतना दिन
झाड़ू भा बेलन के खाइल
ऊ बड़ी भाव से पुछलें पर
हमरा से उत्तर ना आइल

पीठी में दर्द जियादे बा
ई दवा अभिन कबले खाईं
ऊ हाथ जोरि पूछे लगलें
अनुभव होखे तऽ बतलाईं

हम कहनी बेलन के बेलल
बस रोटी पूड़ी खाईले
झाड़ू हम भले खरीदीं पर
तहरा जइसे ना पाईले

झाड़ू चौकी बेलन ई तऽ
घरवा के बस पहिचान हवे
ई प्रेम बढ़ावे घरवा में
ना लड़ले के सामान हवे

ई पेट भरेला मनई के
जब चौकी बेलन टकराला
जवना घर में ना बाजे ई
बुझिहऽ कि लागल बा ताला

जवना घर में कई दिनन से
लागल जे ना होई झाड़ू
तब करी बुराई हीत नात
होइहें जीजा चाहें साढ़ू

तहरा पर मइल चढ़ल होई
दारू जूआ भा तासे के
कुछ अइसन काम करत होइबऽ
घर के लछमी के नासे के

ई बेलन भूत भगावेला
मन के चुरइल के मारेला
झाड़ू के ईहे काम हवे
कि सगरी मइल उतारेला

कविता- आकाश महेशपुरी
दिनांक- 03/02/2024

167 Views

You may also like these posts

4522.*पूर्णिका*
4522.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रमेशराज की एक हज़ल
रमेशराज की एक हज़ल
कवि रमेशराज
Affection Couldn’t be Found In Shallow Spaces.
Affection Couldn’t be Found In Shallow Spaces.
Manisha Manjari
यू इतनी जल्दी कोई भी सो नही सकता,
यू इतनी जल्दी कोई भी सो नही सकता,
ललकार भारद्वाज
ओम के दोहे
ओम के दोहे
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
प्यार का दुश्मन ये जमाना है।
प्यार का दुश्मन ये जमाना है।
Divya kumari
thanhthienphu
thanhthienphu
Thanh Thiên Phú
नज़र मिला के क्या नजरें झुका लिया तूने।
नज़र मिला के क्या नजरें झुका लिया तूने।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
उसकी हिम्मत की दाद दी जाए
उसकी हिम्मत की दाद दी जाए
Neeraj Naveed
■मौजूदा दौर में...■
■मौजूदा दौर में...■
*प्रणय*
वोट का लालच
वोट का लालच
Raju Gajbhiye
ग़ज़ल-हलाहल से भरे हैं ज़ाम मेरे
ग़ज़ल-हलाहल से भरे हैं ज़ाम मेरे
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
राम की शरण में जाओ
राम की शरण में जाओ
Sudhir srivastava
*कलम उनकी भी गाथा लिख*
*कलम उनकी भी गाथा लिख*
Mukta Rashmi
मिथिलाक बेटी
मिथिलाक बेटी
श्रीहर्ष आचार्य
कलम
कलम
Ruchi Sharma
!! शिव-शक्ति !!
!! शिव-शक्ति !!
Chunnu Lal Gupta
Know your place in people's lives and act accordingly.
Know your place in people's lives and act accordingly.
पूर्वार्थ
आपकी ज़िंदगी यदि लोगों की बातें सुनकर, बुरा मानते हुए गुज़र
आपकी ज़िंदगी यदि लोगों की बातें सुनकर, बुरा मानते हुए गुज़र
Sonam Puneet Dubey
दुश्मन कैसा भी रहे, अच्छा बुरा विचित्र
दुश्मन कैसा भी रहे, अच्छा बुरा विचित्र
RAMESH SHARMA
*तानाजी पवार: जिनके हाथों में सोने और चॉंदी के टंच निकालने क
*तानाजी पवार: जिनके हाथों में सोने और चॉंदी के टंच निकालने क
Ravi Prakash
आत्मवंचना
आत्मवंचना
Shyam Sundar Subramanian
" गुरु का पर, सम्मान वही है ! "
Saransh Singh 'Priyam'
*Seasons*
*Seasons*
Veneeta Narula
"अवसाद का रंग"
Dr. Kishan tandon kranti
मन की खुशी
मन की खुशी
कार्तिक नितिन शर्मा
*बस एक बार*
*बस एक बार*
Shashi kala vyas
दीपावली त्यौहार
दीपावली त्यौहार
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
जब काम किसी का बिगड़ता है
जब काम किसी का बिगड़ता है
Ajit Kumar "Karn"
Loading...