* जो बुरा लगे तुम्हें कभी *
जिंदगी के सफर में
ऐसा भी मोड़ आता है
जिसे भुलाया नहीं जा सकता
तब मौत जिंदगी से अच्छी लगती है
कभी प्यार तो कभी नफरत
अच्छी लगने लगती है
ये सिलसिला जिंदगी जीने का
गमों को घोलकर पीने का है
भुला दो उस वक़्त को
जो रोक रहा राह तुम्हारी
प्यार की चाह को कम ना कर दे कहीं
भुला दो उस अहसास को
जो बुरा लगे तुम्हें कभी ।।
मधुप बैरागी