जो पास नहीं वो अच्छे हैं
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जो पास नहीं वो अच्छे हैं
वो नेक बड़े ही सच्चे हैं
दूर नहीं वो दिल से यारो
जो भी वादों के पक्के हैं
भर आये मन ये सुन-सुनकर
आप बड़ी उम्र के बच्चे हैं
मैं हास्य करूँ उत्प्न्न हमेशा
लोग कहें अक्ल से कच्चे हैं
यूँ दिल उन पे फ़िदा है यारो
वो रबड़ी तो हम लच्छे हैं
खूब कहूँ गीत-ग़ज़ल मैं भी
सब सुनके हक्के-बक्के हैं
दिल का दौरा पड़ जायेगा
यदि जमते खून के थक्के हैं
ये भीड़ सफ़र में, क्या कहना
ये आबादी के धक्के हैं