जो गलती बताता है( हिंदी गजल/ गीतिका )
जो गलती बताता है( हिंदी गजल/ गीतिका )
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बड़ा एहसान है उसका कि जो गलती बताता है
पिता माता या गुरु इंसान किस्मत ही से पाता है(1)
पिता की डॉंट मिल जाती है जिनको है वो खुशकिस्मत
जिसे यह मिल गई दौलत सॅंवर इंसान जाता है(2)
कहॉं कोई किसी की गलतियों को ठीक करता है
मजाकें आदमी हर एक औरों की उड़ाता है(3)
मुझे चुपके से उसने कान में गलती बताई थी
लगा सदियों से उससे जैसे मेरा कोई नाता है(4)
बुलंदी पर अगर पहुॅंचे हो तुम तो बात यह तय है
कोई तुम पर शुभाशीषों की बरसातें लुटाता
है (5)
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451