*जोड़-घटाना-गुणा-भाग, चतुराई-कुछ नादानी है (हिंदी गजल/ गीतिका)*
जोड़-घटाना-गुणा-भाग, चतुराई-कुछ नादानी है (हिंदी गजल/ गीतिका)
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1
जोड़-घटाना-गुणा-भाग, चतुराई-कुछ नादानी है
जीवन के सौ वर्षों की, सबकी बस यही कहानी है
2
शोषण-उत्पीड़न से कैसे, किसको कौन बचाएगा
जिसको भी अधिकार मिल गया, उसकी ही मनमानी है
3
गलती सौ-सौ बार हुई, हमसे लेकिन सब ठीक रहा
हर बार लाज रखने वाला, वह ईश्वर वरदानी है
4
बड़े-बड़े कार्यों को करने वालों में यह दोष दिखा
मैं-मैं करता हुआ हमेशा उनका मन अभिमानी है
5
रूप और यौवन का जादू, केवल चार दिवस रहता
फिर भी देखो, कैसी यह दुनिया इसकी दीवानी है
6
अच्छी-अच्छी बातें जो, करते हैं खूब बुढ़ापे में
उन लोगों से पूछो उनकी कैसी रही जवानी है
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451