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2 Jul 2022 · 1 min read

जोकर vs कठपुतली

वो कठपुतली थी जोकर की
मैं जोकर था इक सर्कश का
वो दूर हुई तो पता चला
मैं तीर अधूरे तरकश का
क्या दिन थे जब वो राहों में
इंतजार हमारा करती थी
और पास हमें पाकर फिर वो
चुपके चुपके डरती थी
उस डरने में था, प्यार बहुत
और नज़र में था, इज़हार बहुत
काश!खुदा वो दिन लौटा दे
या फिर हमको ये समझा दे
क्या कहना था हमसे उनको,
क्या पैगाम था उनके हर ख़त का
वो दूर हुई तो पता चला
मैं तीर अधूरे तरकश का
…भंडारी लोकेश ✍🏻

Language: Hindi
5 Likes · 1 Comment · 283 Views
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