जूता
मैं सदियों से तुम्हारा जीवन साथी बन साथ निभाता रहा हूं। फिर भी मैं नकारा जाता हूं,जब मैं किसी के ऊपर फेंका जाता हूं तब
तब सुर्खियों में छा जाता हूं।
मेरी पीड़ा तुमने आज तक न जानी।जब मैं बड़ों के पैर में होता हूं ।तब खड़ाऊ बन पूजा जाता हूं।
जब मैं किसी नेता के गले का हार बनता हूं।तो सुर्खियों में छा जाता हूं।
फिर भी मैं तुम्हें मंजिल तक पहुंचाता हूं। फिर भी मैं तुम्हारी घृणा का शिकार ही रहता हूं।
क्योंकि तुमने मेरी कीमत न पहचानी ।हमेशा मैं तुम्हारा गुलाम ही बना रहता हूं।
जब मैं राजाओं के पैर में रहता हूं तब शासन चलाता हूं।
समय के अनुसार मैं पूजा भी जाता हूं।कई ठोकरें खाने के बाद भी मैं तुम्हें मंजिल तक पहुंचाता हूं।।।।। जूता नाम है मेरा,।।।