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13 Oct 2021 · 1 min read

जुब़ान पर लगे ताले

यह कैसे संगीन दौर में
हम जी रहे हैं!
लम्हा-लम्हा घुटन का
ज़हर पी रहे हैं!
कहीं हो जाए न घर की
बात जगजाहिर
अब हुक्मरान अवाम के
होंठ सी रहे हैं!
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra

Language: Hindi
149 Views
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