जीवन संगीत
समय के आगार पर मानव क्षण भर का मेहमान है ,
सांसों के तार पर रचित जीवन संगीत के धुनों की पहचान है ,
कभी मिलन ,कभी विरह , कभी हर्ष ,कभी विषाद , कभी आसक्ति , कभी विरक्ति , कभी तन्मय भक्ति में लीन सुर हृदय से उत्सर्जित होते हैं ,
जिसमें निमग्न मानव भौतिक जगत से परे काल्पनिक लोक में विचरित होते हैं,
समय चक्र प्रभावित न जाने कब सांसों के तार टूटने से जीवन संगीत बिखर कर रह जाएगा ,
जीवन के रागों पर आधारित कृति निर्माण संकल्प
अधूरा होकर रह जाएगा ,