जीवन की ढलती शाम
सब कर चलूं तेरे नाम
जीवन की ढलती शाम
आपने घर में जगह दिया
दिल जिगर में जगह दिया
मलिका बना के रखा हमें
अपनी नज़र में जगह दिया
आपके बाहों में है आराम
जीवन की ढलती शाम ।
आप चमकते सूरज हो
उम्मीद की दिशा पूरब हो
ज़माने भर की खूशिया हो
चांद सितारो सी सूरत हो
आप हो हसीन अंजाम
जीवन की ढलती शाम
नूर फातिमा खातून नूरी
जिला -कुशीनगर