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2 Dec 2024 · 1 min read

जीवन की ढलती शाम

सब कर चलूं तेरे नाम
जीवन की ढलती शाम

आपने घर में जगह दिया
दिल जिगर में जगह दिया
मलिका बना के रखा हमें
अपनी नज़र में जगह दिया

आपके बाहों में है आराम
जीवन की ढलती शाम ।

आप चमकते सूरज हो
उम्मीद की दिशा पूरब हो
ज़माने भर की खूशिया हो
चांद सितारो सी सूरत हो

आप हो हसीन अंजाम
जीवन की ढलती शाम

नूर फातिमा खातून नूरी
जिला -कुशीनगर

Tag: Poem
13 Views
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