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21 Mar 2023 · 1 min read

“जिस में लज़्ज़त वही लाजवाब।

“जिस में लज़्ज़त वही लाजवाब।
फिर चाहे वो
ज़ख़्म हो, दर्द हो
या ग़म हो।।”

☺️प्रणय प्रभात☺️

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