Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Nov 2022 · 1 min read

*जिनका साधु-सा व्यवहार होता है (मुक्तक)*

जिनका साधु-सा व्यवहार होता है (मुक्तक)
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
सफलता का भले मौकापरस्ती सार होता है
बदलना रंग गिरगिट की तरह आधार होता है
मगर हृदयों के ऊपर राज करते हैं वही मानव
रहित छल-छद्म जिनका साधु-सा व्यवहार होता है
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
136 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
बस हौसला करके चलना
बस हौसला करके चलना
SATPAL CHAUHAN
बारिश के लिए तरस रहे
बारिश के लिए तरस रहे
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
" हर वर्ग की चुनावी चर्चा “
Dr Meenu Poonia
23/189.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/189.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भाग्य - कर्म
भाग्य - कर्म
Buddha Prakash
सुबह सुबह घरवालो कि बाते सुनकर लगता है ऐसे
सुबह सुबह घरवालो कि बाते सुनकर लगता है ऐसे
ruby kumari
वो नन्दलाल का कन्हैया वृषभानु की किशोरी
वो नन्दलाल का कन्हैया वृषभानु की किशोरी
Mahesh Tiwari 'Ayan'
*जो कहता है कहने दो*
*जो कहता है कहने दो*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कर्जमाफी
कर्जमाफी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वर्तमान के युवा शिक्षा में उतनी रुचि नहीं ले रहे जितनी वो री
वर्तमान के युवा शिक्षा में उतनी रुचि नहीं ले रहे जितनी वो री
Rj Anand Prajapati
मैं तुमसे दुर नहीं हूँ जानम,
मैं तुमसे दुर नहीं हूँ जानम,
Dr. Man Mohan Krishna
"बड़ा सवाल"
Dr. Kishan tandon kranti
** पर्व दिवाली **
** पर्व दिवाली **
surenderpal vaidya
इतिहास
इतिहास
Dr.Priya Soni Khare
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
कवि दीपक बवेजा
तुम्हें आभास तो होगा
तुम्हें आभास तो होगा
Dr fauzia Naseem shad
शाम हो गई है अब हम क्या करें...
शाम हो गई है अब हम क्या करें...
राहुल रायकवार जज़्बाती
*ऐसी हो दिवाली*
*ऐसी हो दिवाली*
Dushyant Kumar
महा कवि वृंद रचनाकार,
महा कवि वृंद रचनाकार,
Neelam Sharma
मन का कारागार
मन का कारागार
Pooja Singh
Tu itna majbur kyu h , gairo me mashur kyu h
Tu itna majbur kyu h , gairo me mashur kyu h
Sakshi Tripathi
मुझे फ़र्क नहीं दिखता, ख़ुदा और मोहब्बत में ।
मुझे फ़र्क नहीं दिखता, ख़ुदा और मोहब्बत में ।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
******* प्रेम और दोस्ती *******
******* प्रेम और दोस्ती *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हम तो फूलो की तरह अपनी आदत से बेबस है.
हम तो फूलो की तरह अपनी आदत से बेबस है.
शेखर सिंह
मैं खंडहर हो गया पर तुम ना मेरी याद से निकले
मैं खंडहर हो गया पर तुम ना मेरी याद से निकले
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
स्वप्न लोक के खिलौने - दीपक नीलपदम्
स्वप्न लोक के खिलौने - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
माना कि दुनिया बहुत बुरी है
माना कि दुनिया बहुत बुरी है
Shekhar Chandra Mitra
मुझ में
मुझ में
हिमांशु Kulshrestha
वैविध्यपूर्ण भारत
वैविध्यपूर्ण भारत
ऋचा पाठक पंत
#प्रभात_चिन्तन
#प्रभात_चिन्तन
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...