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1 Jun 2022 · 1 min read

✍️जिद्द..!✍️

✍️✍️जिद्द..!✍️✍️
—————————————–//
दिशाहीन होत चाललीत पाऊले
आयुष्याच्या वाटा किती वळणदार…?
मैलाचा प्रवास सरता सरेना…
कुठून प्रारंभ केला काही आठवेना…!
कुठल्या क्षितिजाला संपणार कळेना…!
पुसटश्या आठवणी टांगनीला आहेत
पण त्याचे हि फार काही वैभव नाही
माझ्या आरंभाला कुठलाही इतिहास नाही…
माझ्या स्थैर्याला पण कुठलाही भूगोल नाही…
आता तुम्ही जर मला विचारलात
कोण तु..?
कदाचित माझी ओळख
मला नीट सांगता पण येणार नाही…!
अनाहूतपणे अनोळखी प्रदेशात वावरतांना
आपण आपले अस्तित्वच हरवुन बसतो…
आपलेच वर्तमान बेईमाना सारखं वागतं
आणि भविष्य सावत्रा सारखं परागंदा होतं
नुसती जिवाची चाळण झाली रे…!

माझ्या सभोवताली अंधारच
अंधार साचलेला दिसतोय…?
मी सूर्योदयाच्या प्रतिक्षेत
प्रकाशा कडून
आशेच्या सृजन किरणांच दान
मागावे म्हणतो…!
मनाच्या कप्यात दडलेली एक जिद्द
पूर्ण करावी म्हणतो…!
उद्या माझ्या वाटेला
पुन्हा एक नवा संघर्ष अटळ आहे…!
——————————————-//
✍️”अशांत”शेखर✍️
09/05/2022

Language: Marathi
Tag: Muktak
1 Like · 2 Comments · 358 Views
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