Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2023 · 1 min read

जिंदगी के पाठ

जिनगी के जे पाठ पढ़ाथे
★★★★★★★★★★★★★★★★★
तन मन से अंधियार मिटाके हिरदे ल उज्जर करथे,
रीति धरम के दीया जलाके ज्ञान पुंज घट मा भरथे।
मरम यही मन म समेट जग नंदन करना हे,
अइसे गुरुवर के हम सब ल बंदन करना हे।।
//1//
अपन शिष्य मन के अंतस ल, जेहर पल म पढ़थे।
कुम्भकार के जइसे बनथे , शिष्य हिरदे ल गढ़थे।।
गुरु ह नाव खेवैय्या बन के, बेड़ापार लगाथे।
भाग्य विधाता भी गुरुवर के सोये भाग जगाथे।
खेवनहार के माथ तिलक बर चंदन करना है।
अइसे गुरुवर के हम सब ल बंदन करना हे।।
//2//
मान बड़ाई नई चाहे जे,सदा समर्पण करथे।
दुनिया ल उजियार करे बर,तन मन अर्पण करथे।
जीवन भर कुटिया म रहिथे,रूखा सुखा खाथे।
लेकिन अपन विद्यार्थी ल,परम महान बनाथे।
श्रद्धा के दो फूल चढ़ा,अभिनंदन करना हे।
अइसे गुरुवर के हम सब ल बंदन करना हे।।
★★★★★★★★★★★★★★★★★
✍️✍️डिजेन्द्र कुर्रे”कोहिनूर”✍️✍️

Language: Chhattisgarhi
Tag: Poem
1 Like · 174 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
3319.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3319.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
अध्यात्म
अध्यात्म
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" गौर से "
Dr. Kishan tandon kranti
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एक ही तारनहारा
एक ही तारनहारा
Satish Srijan
"तुम कब तक मुझे चाहोगे"
Ajit Kumar "Karn"
क्षणिका
क्षणिका
sushil sarna
शिक्षा अपनी जिम्मेदारी है
शिक्षा अपनी जिम्मेदारी है
Buddha Prakash
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
Kanchan Khanna
मौज के दोराहे छोड़ गए,
मौज के दोराहे छोड़ गए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ओ *बहने* मेरी तो हंसती रवे..
ओ *बहने* मेरी तो हंसती रवे..
Vishal Prajapati
"I having the Consistency as
Nikita Gupta
पवित्रता की प्रतिमूर्ति : सैनिक शिवराज बहादुर सक्सेना*
पवित्रता की प्रतिमूर्ति : सैनिक शिवराज बहादुर सक्सेना*
Ravi Prakash
"करने वाला था नहीं, कोई दुआ-सलाम।
*प्रणय*
प्रदूषण
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
हर पल
हर पल
हिमांशु Kulshrestha
खामोश किताबें
खामोश किताबें
Madhu Shah
आत्मविश्वास
आत्मविश्वास
Anamika Tiwari 'annpurna '
हमारे ख्याब
हमारे ख्याब
Aisha Mohan
*
*"परिजात /हरसिंगार"*
Shashi kala vyas
कहां गई वो दीवाली और श्रीलक्ष्मी पूजन
कहां गई वो दीवाली और श्रीलक्ष्मी पूजन
Suryakant Dwivedi
ৰাতিপুৱাৰ পৰা
ৰাতিপুৱাৰ পৰা
Otteri Selvakumar
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
सत्य कुमार प्रेमी
रंग प्यार का
रंग प्यार का
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
दो जून की रोटी
दो जून की रोटी
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
वो अपनी जिंदगी में गुनहगार समझती है मुझे ।
वो अपनी जिंदगी में गुनहगार समझती है मुझे ।
शिव प्रताप लोधी
भोंट हमरे टा देब (हास्य कथा)
भोंट हमरे टा देब (हास्य कथा)
Dr. Kishan Karigar
Thoughts are not
Thoughts are not
DrLakshman Jha Parimal
तू  फितरत ए  शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है
तू फितरत ए शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है
Dr Tabassum Jahan
भाव में,भाषा में थोड़ा सा चयन कर लें
भाव में,भाषा में थोड़ा सा चयन कर लें
Shweta Soni
Loading...