*जिंदगी की जंग लड़ पाया न, कायर हो गया (हिंदी गजल/गीतिका)*
जिंदगी की जंग लड़ पाया न, कायर हो गया (हिंदी गजल/गीतिका)
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1
जिंदगी की जंग लड़ पाया न, कायर हो गया
नौकरी से वक्त से पहले रिटायर हो गया
2
पूछिए मत किसलिए कविताऍं वह लिखने लगा
वेदनाओं से भरा इंसान शायर हो गया
3
इस तरह खूॅंखार जलियॉं-बाग में अंग्रेज था
दर्ज इतिहासों में खूनी एक डायर हो गया
4
इस तरह लिक्खी गई बर्बादियों की पटकथा
आवेश में बंदूक से, एक फायर हो गया
5
बुद्धि हर ली काल ने, दुष्चक्र रचकर इस तरह
फिर अदालत में मुकदमा एक दायर हो गया
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451