जा रहा हूँ बहुत दूर मैं तुमसे
जा रहा हूँ बहुत दूर, मैं तुमसे।
नहीं आऊंगा मिलने, मैं तुमसे।।
तुमको जब मेरी, जरूरत नही है।
लेकिन नहीं हूँ नाराज, मैं तुमसे।।
जा रहा हूँ बहुत दूर————–।।
हो गए हैं शौक पूरे,जो भी थे मेरे।
नहीं अधूरे रहे हैं, अब ख्वाब मेरे।।
नहीं कोई अनजान हैं ,मुझसे यहाँ पर।
निभा चुका हूँ वादे सभी,मैं तुमसे।।
जा रहा हूँ बहुत दूर—————-।।
मैं नहीं डरता हूँ, किसी भी तूफान से।
मैं उदास नहीं हूँ ,किसी भी इल्जाम से।।
दुनिया के सवालों से, मैं निराश नहीं हूँ।
कह रहा हूँ अब यही, मैं तुमसे।।
जा रहा हूँ बहुत दूर—————।।
मुझको भी मालूम है, दर्द भी तुम्हारा।
तोड़ रहा हूँ शायद मैं, दिल भी तुम्हारा।।
जिंदा है तुम्हारे लिए, प्यार मेरे दिल में।
माफ करना हुई हो भूल, कोई मुझसे।।
जा रहा हूँ बहुत दूर——————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)