जाने कहा गये वो लोग
जाने कहा गये वो लोग जो कल तक
साथ रहां करते थे संग हँसतेरोते थे
साथ जीने मरनेकी कसम खातेथे
सुख दुःख में साथ दिया करतेथे
जाने कहा गये वो लोग जो कल तक
गले लगाया करतेथे , हात बढ़ातेथे
मदद करते समय नहीं हिचकिचाते थे
फरिस्ते तो बस थोड़ेही बचे हैं जहाँ में
जाने कहा गये वो लोग जो कल तक
बागियों में फूलो की तरह महका करते थे
अब सुने सुने घर ,दुकान चौराहा,सड़के
जैसे सब कुछथमा हुवा साबिलकुल
जाने कहा गयेवो लोग जोकल तक
अपनी ही मस्ती में जिया करते थे
खुदा , भगवान से भी ना डर तेथे
आज साँस की भिक मांग रहे
जाने कहा गये वो लोग जो कल तक
घमंड में सत्ता, कुर्सी सिक्को के खातिर
हैवान बन बैठे थे खुद को ही राजा समझते थे
आज वो चंद सांसो के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं
जाने कहा गये वो लोग जो कल तक
इंसान , समाज देश के लिए जीते थे
जान से भीब ढ़कर दिया वादा निभाते थे
आखरी साँस तक कर्तव्य निभाते थे
जाने कहा गये…..