जाती नहीं है क्यों, तेरी याद दिल से
शीर्षक – जाती नहीं है क्यों, तेरी याद दिल से
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जाती नहीं है क्यों, तेरी याद दिल से।
क्यों है मोहब्बत तुमसे, इतनी दिल से।।
जाती नहीं है क्यों———————-।।
इंतजार रहता है तेरा, हरपल मुझको।
नहीं पसंद है तुमसे, यह दूरी मुझको।।
चाहता हूँ क्यों तुमको, इतना दिल से।
जाती नहीं है क्यों——————–।।
मुझको पसंद नहीं है, तेरे सिवा और।
दे नहीं पाता मुझको, ऐसी खुशी और।।
मानता हूँ क्यों तुमको, हमदम दिल से।
जाती नहीं है क्यों———————-।।
लगता नहीं है मेरा मन, यहाँ किसी में।
नजर तू ही आती है, यहाँ हर किसी में।।
मांगता हूँ क्यों रब से, तुमको दिल से।
जाती नहीं है क्यों———————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)