जाणै द्यो मनैं तैं ब्याव मं
ओ म्हारा भंवर जी, तैं ब्याव मं।
जाणै द्यो मनैं तैं ब्याव मं।।
म्हारा लाड़ला बीर रा ब्याव मं।
जाणै द्यो मनैं तैं ब्याव मं।।
ओ म्हारा भंवर जी—————।।
जाऊँ मूं नई साड़ी पहनकर।
जाऊँ मूं नई चूड़ियां पहनकर।।
दिला द्यो नया सैंडल ब्याव मं।
म्हारा लाड़ला बीर रा ब्याव मं।।
ओ म्हारा भंवर जी————–।।
पांवा री पायल तैं, मनैं दिला द्यो।
माथा रा टिकला तैं, मनैं दिला द्यो।।
दिला द्यो हार मनैं ब्याव मं।
म्हारी लाड़ली बहिण रा ब्याव मं।।
ओ म्हारा भंवर जी————-।।
आयो बुलावो, म्हारा बीर रो।
मिल्यो संदेशो, म्हारी बहिण रो।।
छोड़ आवो गाड़ी सूं , ब्याव मं।
म्हारा पीहर मं, मनैं ब्याव मं।।
ओ म्हारा भंवर जी————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)