*जाड़ा है सबसे मधुर (कुंडलिया)*
जाड़ा है सबसे मधुर (कुंडलिया)
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जाड़ा है सबसे मधुर, मानो ईश-समान
देखो क्षणभर कोहरा, दीखेंगे भगवान
दीखेंगे भगवान, शांत नभ चहुॅं दिशि छाया
भरकर गहरी सॉंस, तपस्वी बनती काया
कहते रवि कविराय, स्वास्थ्य का पढ़ो पहाड़ा
जीवन का निर्माण, असल में करता जाड़ा
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451