*जाड़ा मनाने का (हिंदी गजल/गीतिका)*
जाड़ा मनाने का (हिंदी गजल/गीतिका)
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(1)
ये मौसम आ गया है ठंड का जाड़ा मनाने का
ये मौसम आ गया है गर्म पानी से नहाने का
(2)
सुबह को देर तक कोहरा पड़ा रहता है आंगन में
रवाना कोहरा हो तो समय हो धूप खाने का
(3)
सफर रातों का मुश्किल है ,सुबह जल्दी भी खतरा है
रखें यह याद मौसम है घने कोहरे के छाने का
(4)
अगर हो धूप जाड़ों की तो कुदरत की मेहरबानी
नसीबों से ही मिलता है समय यों खिलखिलाने का
(5)
गजक का मूँगफलियों का है स्वेटर की बुनाई का
ये मौसम आ गया है हलवा गाजर का बनाने का
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451