*जाड़ा आया (हिंदी गजल/गीतिका)*
जाड़ा आया (हिंदी गजल/गीतिका)
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(1)
देखो- देखो जाड़ा आया
दूर-दूर तक कोहरा छाया
(2)
कहाँ छिपे हो सूरज भैया
चेहरा अब तक नहीं दिखाया
(3)
आसमान की हालत देखो
पूरा ही मौसम धुँधलाया
(4)
किसने जाड़ा इतना सुन्दर
किसने कोहरा खास बनाया
(5)
चाय लग रही कितनी प्यारी
जाड़े ने है मजा बढ़ाया
(6)
खिचड़ी या मक्के की रोटी
खाने को है मन ललचाया
(7)
शुरू हुई जाड़े की ऋतु जब
गाजर का हलवा फिर खाया
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451