ज़िन्दगी
कभी हसाती है ज़िन्दगी कभी रुलाती है ज़िन्दगी ,
हर मोड़ पे नई राह दिखाती है ज़िन्दगी ,
जब कभी कोई दिन गुज़रता है
रात का आलम आहें भरता है ,
एक नई उम्मीद की किरण दिखाती है ज़िन्दगी ,
जब मन का अहंकार बढ़ जाता है ,
जब पागलपन सर चढ़ जाता है,
तब एक नया पाठ पढ़ाती है ज़िन्दगी,
जब खुशियाँ कहीं खो जाती हैं ,
जब मुसीबत ठहाके लगाती है,
तब कोई नया गीत गुनगुनाती है ज़िन्दगी,
जब आखें बोझल हो जाती हैं,
जब मंजिल ओझल हो जाती है,
तब एक नई चाह मन में जगाती है ज़िन्दगी ,