ज़िन्दगी पा के
ज़िंदगी पा के
तुझको खोया है।
सोच कर दिल भी
मेरा रोया है ।
अहमियत उससे
पूछो ख़्वाबों की।
नींद जो अपनी
कभी न सोया है।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
–
ज़िंदगी पा के
तुझको खोया है।
सोच कर दिल भी
मेरा रोया है ।
अहमियत उससे
पूछो ख़्वाबों की।
नींद जो अपनी
कभी न सोया है।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
–