ज़िंदा शायर
जो ख़ुद ही बिल्कुल कंगाल है
वह सरकार तुझे देगी तो क्या!
एक दो टके की बख़्शीश देकर
वह तो कुचल देगी ज़मीर तेरा!!
तू एक ज़िंदा शायर की तरह
सभी जलते हुए सवालों पर
लिखते जा बेबाकी से नज़्में
किसी खौफ़ या लालच के बिना!!
Shekhar Chandra Mitra
#FreedomOfSpeech