ज़िंदा लोग
कायनात कर रही फरियाद!
किधर जा रही आदमजात!!
भुलाकर मरने का सलीका
गंवाकर जीने का अंदाज़!!
सुनते हो दूर आसमान से
आ रही ये क्या आवाज़!
“जिंदा लोग ही इश्क करते
जिंदा लोग ही इंकलाब!!”
Shekhar Chandra Mitra
कायनात कर रही फरियाद!
किधर जा रही आदमजात!!
भुलाकर मरने का सलीका
गंवाकर जीने का अंदाज़!!
सुनते हो दूर आसमान से
आ रही ये क्या आवाज़!
“जिंदा लोग ही इश्क करते
जिंदा लोग ही इंकलाब!!”
Shekhar Chandra Mitra